The 5-Second Trick For piles treatment nice cks

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स्टूल सॉफ्टनर कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

यह दबाव के कारण होता है और इसके लक्षणों में दर्द, खुजली, जलन और कभी-कभी खून आना शामिल है।

बवासीर में गुदा के भीतर या बाहर छोटी गाठें या मस्से बन जाते हैं।

भारी सामान उठाने से बचें : भारी सामान उठाने से भी गुदा और मलाशय के आसपास की नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है। उचित तकनीक का प्रयोग करें और बहुत भारी वस्तुओं को उठाने से बचें।

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मल त्याग के दौरान या बाद में चमकीला लाल खून

शतावरी: गुदा की नसों को मजबूत बनाती है और खून आना रोकती है।

आंतरिक पाइल्स को उनकी गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जिस हद तक वे गुदा से बाहर निकलते हैं। ग्रेडिंग सिस्टम इस प्रकार है:

पुरानी कब्ज: पुरानी कब्ज के मरीजों को मल त्यागने में अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे नसों में दबाव पड़ने के कारण बवासीर हो सकता है।

तनाव कम करें: प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें।

हां, आयुर्वेदिक चिकित्सा जैसे पंचकर्म, जात्यादि तेल, और जड़ी-बूटियों का उपयोग बवासीर को स्थायी रूप से ठीक करने में मदद कर सकता get more info है।

विरेचन: यह प्रक्रिया मल त्याग को सुगम बनाती है और शरीर को डिटॉक्स करती है।

दस्त: बार-बार और लगातार दस्त की शिकायत होने पर बवासीर हो सकता है।

इसे पाइल्स वाली जगह पर लगाने से खुजली और दर्द से आराम मिलता है.

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